माँ ब्रमचारणी की उपासना से तप ,त्याग वैराग्य ,सदाचार की वृद्धि होती है ।नवरात्रि का दूसरा दिन
ब्रमचारणी का अर्थ ,तप की चारणी यानी तप का आचरण करने वाली देवी ।देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिमय और अत्यंत भव्य है इन देवी के बाएं हाथ मे कमंडलु धारण की है ।सब पापो से शांति प्रदान करने वाली है ,रिपोर्ट रीता सिंगज