साल की सभी पूर्णिमा तिथि की महत्ता बताई गयी है मगर इस सब में शरद पूर्णिमा का स्थान विशेष है। पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, आश्विन पूर्णिमा और रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। वर्ष की इस पूर्णिमा तिथि के साथ कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा की रौशनी में अलग चमक देखने को मिलती है। इतना ही नहीं, इसकी किरणों में औषधीय गुण भी समाहित होता है जो सामान्य सी खीर को भी अमृत समान बना देती है। शरद पूर्णिमा के मौके पर राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती और लक्ष्मी-पुजा होती है