ईओयू ने अपने ज़िम्मे लिया केस, खान एवं भूतत्व विभाग के मिलीभगत की होगी जांच >> आज भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन एवं बिना चालान के हो रहा बालू कारोबार, देखने मजबूर जनता
पटना ( अ सं ) । दिसंबर 2022 को महालेखाकार ( लेखा परीक्षा ) की रिपोर्ट बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया गया था । महालेखाकार रामावतार शर्मा ने अपने रिपोर्ट में स्पष्ट बताया था की खान एवं भूतत्व विभाग के लापरवाही के कारण सरकार को 355 करोड़ रूपये का नुक़सान हुआ है । विभाग के मिलीभगत से बंदोबस्तधारी ने फ़र्ज़ी चालान बनाकर अवैध तरीक़े से बालू कारोबार किया है ।
महालेखाकार के खुलासे के बाद भी 355 करोड़ रूपये के घोटाले की फाइल दबाकर रखीं गयी । महालेखाकार के रिपोर्ट में सिर्फ़ बिना चालान के बालू प्रेषण की नहीं बल्कि ई.सी एरिया से बाहर अवैध उत्खनन करने के प्रमाण तस्वीर सहित दिये गये ।दबंग बालू माफिया के काली करतूत पर कार्रवाई के जगह विभाग भी दबंग स्टाइल में चलता रहा । राज्य सरकार अवैध बालू खनन को लेकर गंभीर हुई और ईओयू ( आर्थिक अपराध इकाई ) को बालू माफियाओं के साथ सांठगांठ रखने वाले अधिकारियों / पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के पीछे लगा दिया । कई लोक सेवकों के ठिकाने पर रेड हुई और अप्रत्याशित सम्पत्ति के सबूत मिले , जांच जारी है ।
इसी क्रम में ईडी के रिपोर्ट दिनांक 02/11/23 एवं 16/01/24 के आधार पर ज़िला खनन पदाधिकारी सह खनिज विकास पदाधिकारी- पटना ने कोतवाली थाने में पटना, भोजपुर , सारण के पूर्व बंदोबस्तधारी ब्रॉडसन के निदेशकों के खिलाफ 83 करोड़ 52 लाख 45 हज़ार रूपये के बिना चालान अवैध पूर्वक बालू बिक्री करने का केस दर्ज किया है । ब्रॉडसन के खिलाफ दर्ज कांड संख्या 93/24 का अनुसंधान ईओयू ( आर्थिक अपराध इकाई ) ने अपने हाथों में ले लिया है और जांच शुरू कर दिया है ।
सुत्रों की मानें तो ईओयू इस बार सिर्फ़ अधिकारियों/ पदाधिकारियों/ कर्मचारियों की जांच करने वाली है बल्कि ब्रॉडसन से जुड़े रहे बालू माफियाओं, ब्रॉडसन कंपनी में बैक डोर से रूपये लगाने वाले की भी जांच करने वाली है जिन्होंने बालू के अवैध कारोबार कर करोड़ों रूपये की अवैध सम्पत्ति अर्जित किया है । इधर ई डी ने खनन विभाग से वर्ष 2018-23 तक अवैध खनन को लेकर दर्ज किए गये एफ़आइआर की विस्तृत रिपोर्ट की मांग किया गया है ।
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