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अपराध अपराध अपराध कान पक गए मगर अपराध नहीं खत्म हुआ, शायद न ख़त्म हुआ है न होगा जैसा जान पड़ता है

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अपराध अपराध अपराध कान पक गए मगर अपराध नहीं खत्म हुआ, शायद न ख़त्म हुआ है न होगा जैसा जान पड़ता है । बिहार में कहने को सुशासन राज है. यहां की स्थिति ऐसी है कि भ्रष्टाचार की चक्की में आम जनता पीस रही है. अधिकारियों की मनमानी ऐसी है कि बिना चढ़ावे के कोई काम नहीं होता. भ्रष्टाचार के खिलाफ वरीय अधिकारियों के पास शिकायत भी की जाती है, जांच के आदेश भी दिए जाते हैं, लेकिन जांच अधिकारी फाईल को रद्दी की टोकरी में डाल देते है. जांच हो भी गई तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों-इंजीनियरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. दूसरे जिले की बात छोड़िए सरकार के नाक के नीचे पटना में भवन निर्माण विभाग के एक कार्यपालक अभियंता की गड़बड़ी खुलकर सामने आई थी. जांच के आदेश दिए कई महीने बीत गए, लेकिन जांच की फाईल को वरीय अधिकारी दबा कर बैठे हैं. विभागीय सूत्र बताते हैं कि उक्त कार्यपालक अभियंता जिन्हें प्रमोट कर अधीक्षण अभियंता बना दिया गया है, उनके खिलाफ एक
पोस्टिंग को लेकर विभाग में फाइल तेज गति से दौड़ाई जा रही. इससे स्पष्ट है कि भवन निर्माण विभाग में आरोपी पर कार्रवाई की बजाय बचाने का खेल खेला जाता है पाटलिपुत्र डिवीजन के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ क्या हुआ एक्शन..... 

मामला भवन निर्माण विभाग के पाटलिपुत्र डिवीजन के कार्यपालक अभियंता से जुड़ा है. यहां के कार्यपालक अभियंता सुधीर रंजन  जो प्रमोट होकर अधीक्षण अभियंता बन गए हैं, उनके खिलाफ लगे आरोपों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बताया जाता है कि जांच की फाईल से खेला जा रहा. विभागीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि पाटलिपुत्र भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रहे सुधीर रंजन के खिलाफ वरीय अधिकारी ने इसके पहले एक अन्य मामले की जांच की थी, जांच में गड़बड़ी भी पकड़ी गई, जांच रिपोर्ट भवन निर्माण विभाग को भेज दी गई. इसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई की बात छोड़िए,बचाने के लिए फाईल से ही खेला जा रहा. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि फाईल को ऊपर से नीचे किसी खास मकसद से भेजा जा रहा. मतलब साफ है कि आरोपी कार्यपालक अभियंता को बचाने के लिए हाईलेवल खेल खेला जा रहा भ्रष्टाचार का दूसरा गंभीर आरोप.......  

इसके बाद भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सुधीर रंजन पर भ्रष्टाचार का दूसरा आरोप लगा है. दूसरे आरोप में भी जांच के आदेश दिए गए. भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के बाद भी कार्रवाई के नाम पर चुप्पी से विभाग कटघरे में खड़ा हो रहा है. बताया जाता है कि कार्यपालक अभियंता सुधीर रंजन के खिलाफ 16 अक्टूबर 2023 को जो जांच के आदेश दिए गए थे, वह फाईल अधीक्षण अभियंता कार्यालय में ही धूल फांक रही है. खबर है कि भ्रष्टाचार करने के आरोपी कार्यपालक अभियंता जिन्हें प्रोन्नति मिल गई है, उन्हें किसी बड़े जगह पर पोस्टिंग की तैयारी की जा रही है. विभाग मे उनकी फाइल तेजी से घूम रही है. भला बताइए....आरोपों की जांच हुई नहीं, जांच के नाम पर कछुआ चाल और पोस्टिंग की फाईल खरगोश चाल से दौड़ाया जाना दौड़ाया जाना, यह बताता है कि पूरी सेटिंग है. इस खेल में अकेला कोई एक नहीं बल्कि पूरा सिस्टम शामिल है. हमने वरीय अधिकारियों से भी बात की, लेकिन वे लोग भी जांच किसी निष्कर्ष तक पहुंचेगी या नहीं, यह बताने में असफल रहे. हालांकि rdnews24.com ऐसे मामले को उठाते रहा है, आगे भी उठाते रहेंगे । ये सरकार और अपराधी अवसर की मिली जुली चाल रहती है और जनता को धोखे में सरकार रखती है I

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