पटना ( अ सं ) । लोकसभा का चुनाव होने वाला है । सभी पार्टी दम - ख़म लगा चुकी है , नेता से लेकर कार्यकर्ता वोट मांग रहे है । किसान - मज़दूर की हित की बातें करते हुए अपने को हितैषी साबित करने में जुटे है । लेकिन बालू माफियाओं के कारनामे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है । किसानों ने सांसद , विधायक , जन प्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया की बालू बंदोबस्तधारियों एवं बालू माफियाओं द्वारा सिंचाई के लिए वर्षों से बने नहर ( कैनाल ) को क्षतिग्रस्त कर पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दिया गया है लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी ।
आख़िरकार किसानों ने हिम्मत जुटाकर पटना के ज़िलाधिकारी को आप- बीती सुनाते हुए आवेदन दिया । सोन कैनाल के कार्यपालक अभियंता को भी सिंचाई समस्या से अवगत कराते हुए आवेदन दिया । सिंचाई बाधित होने की समस्या को डीएम ने गंभीरता से लिया और सोन कैनाल के पदाधिकरियो।पर कारवाई करने का निर्देश दिया । कार्यपालक अभियंता सोन कैनाल प्रमंडल खगौल ने सहायक अभियंता के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम गठित किया । शुक्रवार को सहायक अभियंता के नेतृत्व में गठित टीम ने लहलादपुर से लेकर पांडेचक - कलेहनपुर तक निरीक्षण किया । इस दौरान पाया गया की जगह- जगह कैनाल में मिट्टी डालकर सिंचाई को पूर्णतः बंद कर दिया गया है ।
नहर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है, या कहें तो कैनाल के अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया गया है । किसानों ने मौक़े पर एक लिखित आवेदन भी दिया है । कैनाल को क्षतिग्रस्त करने एवं सरकारी सम्पत्ति को नुक़सान पहुंचाने को लेकर पूर्व में 7 बंदोबस्तधारियों के खिलाफ रानीतलाब और पालीगंज थाने में एफ़आइआर दर्ज कराया था । पटना ज़िले के अधिकांश बालू घाटों पर ई सी एरिया से बाहर खुलेआम खनन किया जा रहा है । अवैध खनन व ई सी एरिया से बाहर खनन होने का लगातार शिकायतें आम लोग खनन विभाग, जल संसाधन ( बाढ़ नियंत्रण) व स्थानीय ज़िला प्रशासन को दे रहे हैं लेकिन कार्रवाई के नाम महज़ ख़ानापूर्ति यह दर्शाता है की सब कुछ मैनेज होता हैं I
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