सरकारी कायदे-कानून को ठेंगा दिखाने वाली रियल इस्टेट कंपनियों पर रेरा बिहार की तरफ से जुर्माना ठोका जाता है. साथ ही साठ दिनों के अंदर जुर्माने की राशि को जमा करने का आदेश भी पारित किया जाता है. लेकिन ढीठ रियल इस्सेट कंपनियां रेरा को ठेंगा दिखाते हुए जुर्माने की राशि जमा नहीं करती हैं. अब रेरा ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. आदेश का तामिला नहीं करने वाले बिल्डरों से राशि वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया जा रहा है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने वाले रियल इस्टेट कंपनी और बिल्डर का नाम सार्वजनिक किया जा रहा है. साथ ही कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी है. रेरा ने हाल ही में 63 डिफाल्टर बिल्डर/कंपनी की सूची जारी की है, जिनके खिलाफ रेरा बेंच ने विभिन्न तारीखों में जुर्माना लगाया. लेकिन इन कंपनियों ने जुर्माने की राशि जमा नहीं की. अब रेरा बिहार की तरफ से ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. रेरा ने अर्च ग्रुप के नाम भी सार्वजनिक किए हैं. इस कंपनी ने जुर्माने की राशि जमा नहीं की है. रेरा बेंच ने 2023 में ही इस कंपनी के प्रोजेक्ट को गैर निबंधित पाया था और 17 लाख रू का जुर्माना लगाया था. रेरा बिहार ने जांच में पाया कि कंपनी ने जुर्माने की रकम नहीं दी है. लिहाजा इस कंपनी को डिफॉल्टर घोषित किया गया है.
उदाहरण से जानिए...। रेरा बेंच ने पटना की एक कंपनी अर्च ग्रुप जो नौबतपुर इलाके में टाउनशिप पर काम कर रही है. यह टाउनशिप बिना रेरा निबंधन की है. रेरा बेंच ने स्वतः संज्ञान लिया और सुनवाई के बाद 1 जून 2023 को आदेश पारित किया. रेरा ने अर्च ग्रुप (Arch Group) के चार प्रोजेक्ट...आनंद लोक, आनंद लोक-2,अर्च गार्डन और अस्वारी ग्राम को गैरनिबंधित पाया. इसके बाद टेक्निकल विंग से सभी प्रोजेक्ट की लागत मूल्य का आकलन कराया. रिपोर्ट आने के बाद रेरा ने कंपनी Arch Group पर कुल 17.37 लाख रू का पेनाल्टी लगाया था. कंपनी द्वारा पटना जिला से सटे नौबतपुर इलाके में इन प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है जो गैर निबंधित