पथ निर्माण विभाग के 31 अभियंता डिमोट होंगे. इनमें कई तो सेवानिवृत हो चुके हैं. अधिकांश इंजीनियर वर्तमान में विभिन्न पथ प्रमंडलों में कार्यपालक अभियंता के पद पर पदस्थापित हैं. अब उन्हें डिमोट कर जूनियर इंजीनियर( J.E) बनाया जाना है. बताया जाता है कि 2010 में इन सभी का जूनियर इंजीनियर(JE) से सहायक अभियंता( AE) में गलत ढंग से प्रमोशन हुआ था. लिहाजा मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया. 14 सालों बाद इस मामले में पटना उच्च न्यायालय का आदेश आया है, जिसमें 31 अभियंताओं को डिमोट कर फिर से जूनियर इंजीनियर बनाने का आदेश पारित हुआ हुआ है।
दरअसल, दिनेश प्रताप सिंह ने 2010 में पटना उच्च न्यायालय में C.W.J.C दायर किया था. इस केस में हाई कोर्ट ने 10 अप्रैल 2024 को आदेश पारित किया है. कोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर पथ निर्माण विभाग ने 25 सितंबर 2024 को पत्र जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि पटना हाईकोर्ट ने विभागीय अधिसूचना संख्या (4853) जो 1 अप्रैल 2010 को जारी किया गया था, उसे सेट- एसाइड( Set aside) कर दिया है. हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन के तहत उक्त अधिसूचना से प्रोन्नत सभी अभियंताओं को कनीय अभियंता असैनिक(JE) के पद पर डिमोट किया |
पथ निर्माण विभाग के अवर सचिव ने डिमोट किए जाने वाले सभी अभियंताओं से उनका पक्ष मांगा है. अवर सचिव कृष्णचंद्र श्रीवास्तव ने 31 इंजीनियरों से पूछा है कि आपको कनीय अभियंता के पद पर डिमोट करने के संबंध में कुछ कहना है ? अगर कुछ कहना है तो इस नोटिस की प्राप्ति के दो हफ्ते के अंदर अपना पक्ष विभाग के समक्ष रखें. यदि निर्धारित अवधि के अंदर आप आपका पक्ष नहीं मिलता है तो इस संबंध में हम समझ लेंगे की आपको कुछ नही कहना है ,रीता सिंह सम्पादक Justice junctions news