टीबी उन्मूलन को लेकर हुई जिलास्तरीय मासिक समीक्षा बैठक
•निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं नोटिफिकेशन संबंधी समीक्षा
•जिले से डीपीसी, एसटीएस हुए शामिल
•जनवरी से सितंबर तक 2733 मरीजों को किया गया चिह्नित
मधुबनी, 5 अक्टूबर। जिले को यक्ष्मा रोग (टीबी) मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के एएनएम सभागार में एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में जिला स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के यक्ष्मा कार्यालय के सीडीओ सहित सभी कर्मी सम्मिलित हुए। बैठक डॉ राजीव एन एस डब्ल्यू एच ओ एनटीईपी मेडिकल कंसल्टेंट की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टी.बी.मरीज का नोटिफिकेशन किया जा रहा है। निर्देश दिया गया कि मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता विवरणी, डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन और आधार डिटेल सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र के एसटीएस/एसटीएलएस को उपलब्ध करावें। साथ ही निर्देश दिया गया जो भी प्राइवेट डॉक्टर को मरीज के नोटिफिकेशन पर 500 रु. तथा आउटकम पर भी 500 रु.देने का प्रावधान है। राशि लक्ष्य के अनुरूप डॉक्टरों को भुगतान करने का निर्देश दिया गया। साथ हीं कहा एमडीआर मरीजों को मिलने वाली राशि का लक्ष्य के अनुसार भुगतान किया जाए | सीडीओ जी. एम. ठाकुर द्वारा बताया गया जिले में टीबी उन्मूलन के लिए 2 माह तक समुदाय पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है| जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैलेंडर जारी किया गया है| उसको शत-प्रतिशत अनुपालन के लिए निर्देश दिया गया। वर्तमान में कोविड-19 केस की संख्या बहुत कम हो गए हैं तो यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की प्रखंडवार उपलब्धियों की समीक्षा कर 2 माह तक अभियान के रूप में एक्टिव केस फाइंडिंग एवं निक्षय पोषण राशि का भुगतान करने के लिए निर्देश दिया गया है|
प्रतिदिन कम से कम 50 घर का भ्रमण कर संभावित टीबी रोगियों की पहचान करने का निर्देश
बैठक में दूरस्थ एवं चिह्नित कठिन क्षेत्रों में आशा एवं अन्य सामुदायिक उत्प्रेरक की 2 सदस्यों की घर-घर विजिट टीम का गठन कर प्रतिदिन कम से कम 50 घर का भ्रमण कर संभावित टीबी रोगियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया| स्थानीय निकटतम बलगम जांच केंद्र अथवा ट्रूनेट लैब में सैंपल की जांच करवाने का निर्देश दिया गया। प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समन्वय कर गृह भ्रमण टीमों के सदस्यों को 100रुपए /प्रति दिन प्रति सदस्य 50 घरों के भ्रमण को प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया। सभी पंजीकृत टीबी रोगियों का घर भ्रमण कर संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों एवं वयस्कों में टीबी की स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया तथा योग्य बच्चों को एवं बच्चों की लाइन लिस्टिंग करवाने का निर्देश दिया गया|
समस्या को एक सप्ताह के अंदर निपटा कर भुगतान किया जाए
जिले मे प्राइवेट क्लिनिक के साथ काम करने वाली एक निजी संस्था को निर्देश दिया गया कि उनके द्वारा नोटिफिकेशन डाक्यूमेंट्स समय से ऑफिस को उपलब्ध कराये जाएं | जिससे डीबीटी पोषण राशि के भुगतान में विलम्ब नहीं हो| साथ हीं कहा कि मरीज का घर विजिट किया जाए और उसमें तेजी लायी जाए । राज्य स्तर से निर्देश दिया गया कि इस समस्या को एक सप्ताह के अंदर निपटा कर भुगतान किया जाए। सभी एसटीएस/एसटीएलएस को निर्देश दिया गया कि दवा खा रहे मरीज का घर उपलब्ध कराये गए दोपहिया वाहन से विजिट करें|
टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:
यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरू किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को जेएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर, रहें सतर्क:
एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यता एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।
जनवरी से सितंबर तक 2733 मरीजों को किया गया चिह्नित :
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया जिले में जनवरी 2021 से 30सितंबर 2021 तक 2733 टीबी के मरीजों को चिह्नित किया गया। जिसमें 1282 मरीज सरकारी संस्थान तथा 1451 मरीज प्राइवेट क्लिनिक से चिह्नित किया गया। जिसमें जनवरी में 317, फरवरी में 310, मार्च में 422, अप्रैल में 256 ,मई में 66, जून में 258, जुलाई में 278, अगस्त में 394, सितंबर में 432 , चिह्नित किया गया| जिसमें 153 मरीज एमडीआर का चिह्नित किया गया।
समीक्षा बैठक में अनिल कुमार, , डीपीसी पंकज कुमार, सतनारायण शर्मा, लेखापाल आरके सिंह, भुवन नारायण कंठ, मोहम्मद अमीरूद्दीन, सत्यनारायण शर्मा,लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस मौजूद रहे।