स्टील और खान मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक ने सोमवार को राज्य विधानसभा में जानकारी दी कि ओडिशा के तीन विभिन्न स्थानों पर सोने की धुंध मिली है।
ढेंकनाल के विधायक सुधीर कुमार सामल द्वारा लिखित एक प्रश्न के उत्तर में पूछे गए प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा, 'खान डायरेक्ट और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वेक्षणों ने देवगढ़, क्योंझर और मूरभंज सहित तीन ठेकेदारों में सोने के विक्रेता की उपस्थिति खुलासा किया है.
मल्लिक के अनुसार 'ये सोने के दुकान क्योंझर जिले में चार स्थानों पर, म्योरभंज जिले में चार स्थानों पर और देवगढ़ जिले में एक स्थान पर पाए गए हैं। कुछ दिनों पहले ही भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर पैनल बनाने में अहम धातु इलैक्शन के 59 लाख टन स्टोर का भी पता रियासी जिले में लगाया है।
रेशम दुर्लभ संसाधन की श्रेणी में आता है और पहले यह भारत में नहीं मिलता है, जिसकी वजह से भारत इसका प्रतिशत-प्रतिशत आयात पर टपकता है। अब जीएसआई द्वारा किए गए जी-3 (एडवांस) के अध्ययन से पता चला है कि माता वैष्णो देवी तीर्थ की तलहटी में बसे सलाल गांव (रियासी जिले) में लिस्थन विक्रेता उच्च गुणवत्ता का मौजूद है।
एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य श्रेणी में लिमिटेशन का 'ग्रेड' 220 पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) होता है, जबकि जम्मू-कश्मीर में मिले दुकानदार का लिथन 550 पीएमएम से अधिक ग्रेड का है और यह शेयर करीब 59 लाख टन है जो लिशन है के मामले में चीन पीछे छोड़ देगा।
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