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रसोई में भोजन बनाना, छोड़ने का दुष्परिणाम जानिए।

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रसोई में भोजन बनाना, छोड़ने का दुष्परिणाम जानिए।

अमेरिका में क्या हुआ, जब घर में भोजन बनाना बंद हो गया ? 

1980 दशक के अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी लोगों को चेतावनी दी, कि यदि वे परिवार में आर्डर देकर बाहर से भोजन मंगवायेंगे, तो परिवार व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी.

साथ ही दूसरी चेतावनी दी, कि यदि उन्होंने बच्चों का पालन पोषण घर के बुजुर्गों के स्थान पर बाहर से व्यवस्था की तो यह भी परिवार व्यवस्था के लिए घातक होगा. लेकिन बहुत कम लोगों ने उनकी सलाह मानी. घर में भोजन बनाना लगभग बंद हो गया है, और बाहर से मंगवाने की आदत यह अब नॉर्मल है), 
अमेरिकी परिवारों का विलुप्त होने का कारण बनी है, जैसा कि ... विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी.

प्यार से भोजन बनाना, मतलब परिवार के सदस्यों के साथ 
प्यार से जुड़ना.

            ????  सनातन धर्म  ????
अकेले भोजन बनाना नहीं है, बल्कि ... केंद्र बिंदु है, पारिवारिक संस्कृति का.

अगर कोई किचन नहीं है,  तो बस एक बेडरूम है, यह परिवार नहीं है, यह एक हॉस्टल है.
उन अमेरिकी परिवारों के बारे में जानें जिन्होंने अपनी रसोई बंद कर दी और सोचा कि अकेले बेडरूम ही काफी है.

1971 में, लगभग 72% अमेरिकी परिवारों में केवल पति और पत्नी थे, जो अपने बच्चों के साथ रह रहे थे.
2020 तक, यह आँकडा 22% पर आ गया है.

पहले साथ रहने वाले परिवार अब नर्सिंग होम (वृद्धाश्रम) में रहने लगे हैं.

अमेरिका में, 15% महिलाएं एकल महिला परिवार के रुप में रहती हैं, 12% पुरुष भी एकल परिवार के रूप में रहते हैं.

अमेरिका में 19% घर या तो अकेले रहने वाले पिता या माता के स्वामित्व में हैं.

अमेरिका में आज पैदा होने वाले सभी बच्चों में से 38% 
अविवाहित महिलाओं से पैदा होते हैं. उनमें से आधी लड़कियाँ हैं, जो स्कूलों में जा रही हैं.

संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 52% पहली शादियाँ तलाक में परिवर्तित होती हैं. 67% दूसरी शादियाँ भी समस्याग्रस्त हैं.

अगर किचन नहीं है और सिर्फ बेडरूम है तो वह पूरा घर नहीं है. संयुक्त राज्य अमेरिका विवाह की संस्था के टूटने का एक उदाहरण है.

हमारे आधुनिकतावादी भी अमेरिका की तरह दुकानों से या 
ऑनलाईन भोजन ख़रीद रहे हैं और खुश हो रहे हैं कि भोजन बनाने की समस्या से हम मुक्त हो गए हैं, इस कारण भारत में परिवार धीरे-धीरे अमेरिकी परिवारों की तरह नष्ट हो रहे हैं.

जब परिवार नष्ट होते हैं , तो मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य बिगड़ते हैं. बाहर का खाना खाने से अनावश्यक खर्च के अलावा शरीर मोटा और संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो सकता है.

इसलिए ... घर पर भोजन बनाना, परिवार के सुखी रहने का
एकमात्र कारण नहीं है. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी 
देश की अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है.

इसलिए .... हमारे घर के बड़े-बूढ़े लोग, हमें बाहर के भोजन से 
बचने की सलाह देते थे, लेकिन आज हम अपने परिवार के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं.

स्विगी और ज़ोमैटो के माध्यम से अजनबियों द्वारा पकाए गए 
भोजन को ऑनलाइन ऑर्डर करना और खाना, उच्च शिक्षित, मध्यवर्गीय लोगों के बीच फैशन बनता जा रहा है.

दीर्घकालिक आपदा होगी ये आदत. अगर वो ऑनलाइन कंपनियाँ जो मनोवैज्ञानिक रूप से तय करती हैं , कि हमें क्या खाना चाहिए.

हमारे पूर्वज किसी भी यात्रा पर जाने से पहले घर से भोजन
बनाकर ही ले जाते थे.

इसलिए ... भोजन घर में ही बनायें, मिल-जुलकर खायें और खुशी से रहें.

पौष्टिक भोजन के अलावा, इसमें प्रेम और स्नेह निहित है।

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