समाज में दहेज प्रथा कब खत्म होगी यह कहना मुश्किल है. इस बीच बिहार के बेतिया से एक और नया मामला सामने आया है. जहां नरकटियागंज के दिउलिया में दहेज नहीं मिलने पर एक युवक बारात लेकर नहीं पहुंचा. जिसके बाद पीड़ित लड़की परिवार ने थाने में जाकर आवेदन दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार, जब युवक बेरोजगार था, तब ही उसका निकाह तय कर दिया गया था. लेकिन बाद में जब लड़का शिक्षक बन गया तो दहेज में एक कट्ठा जमीन मांगने लगा. वहीं, जब लड़की वालों ने जमीन नहीं दिया तो लड़का बारात लेकर लड़की के दरवाजे पर नहीं पहुंचा, जिसके कारण निकाह टूट गई.
दरअसल, नरकटियागंज के दिउलिया मुहल्ले के युनुस ने अपनी बेटी शगुफ्ता प्रवीण का निकाह शिकारपुर थाना क्षेत्र के बखरी निवासी शेख नौशाद के पुत्र वसीम अख्तर से तय किया था. 20 अप्रैल को बारात ले कर जाना था दहेज के चलते बारात लेकर नही पहुचे ।
बताया जा रहा कि जब निकाह तय हुआ था उस समय वसीम बेराजेगार था और पढ़ाई कर रहा था. लेकिन बाद में वो बीपीएससी कंप्लीट कर शिक्षक बन गया. इसके साथ ही उसके घरवालों के नखरे बढ़ने लगे. बारात नहीं आने का अंदाजा तब लगने लगा जब लड़के के घर वालों की तरफ से निकाह से पहले नरकटियागंज शहर में एक कठ्ठा जमीन की मांग की गई. अंत में जब लड़क बारात लेकर नहीं पहुंचा पीड़िता के पिता थाना में अपना सूचना दिया पुलिस करवाई करेगे