BJP-JDU के वैश्य सांसदों को बेटिकट करने के निर्णय से 'वैश्य' नेताओं-वोटरों में NDA को लेकर भारी नाराजगी, तीन सीटों पर पड़ेगा सीधा प्रभाव...आसान जीत हो जाएगी मुश्किल सीतमढ़ी और शिवहर लोकसभा सीट पर जेडीयू-बीजेपी के सीटिंग सांसदों का पत्ता साफ होने के बाद वैश्य नेताओं में उबाल है. खासकर भाजपा से जुड़े वैश्य नेताओं के अंदर भारी आक्रोश है. वैश्य समाज के भाजपा विधायकों व नेताओं ने नेतृत्व को बता दिया है कि सीतामढ़ी और शिवहर के सांसदों को बेटिकट करने से अच्छा मैसेज नहीं गया है. वैश्य जाति बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं. नेतृत्व के फैसले से वैश्य वोटरों में भाजपा-जेडीयू को लेकर गहरी नाराजगी है. अगर यह नाराजगी वोट में तब्दील हो जाए, तब एनडीए कैंडिडेट की आसान जीत भारी दिखने लगेगी. खबर है कि वैश्य नेताओं ने नेतृत्व को बताया है कि सीतामढ़ी और शिवहर सीट की एवज में पूर्वी चंपारण सीट से वैश्य कैंडिडेट को उतारें, ताकि नाराजगी खत्म हो वैश्य नेताओं में बीजेपी-जेडीयू को लेकर भारी नाराजगी बिहार एनडीए में सीट बंटवारे से कई संसदीय क्षेत्रों में असंतोष चरम पर पहुंच गया है
भाजपा ने शिवहर की सीटिंग सीट सहयोगी दल जेडीयू के हवाले कर दिया है. अब यहां से जेडीयू के प्रत्याशी होंगे. इस तरह से भाजपा की सीटिंग सांसद रमा देवी बेटिकट हो गई हैं. रमा देवी वैश्य जाति से हैं. बताया जाता है कि राजपूत जाति से आने वाली पूर्व सांसद लवली आनंद शिवहर सीट से जेडीयू प्रत्याशी होंगी. लवली आनंद तीन दिन पहले ही जेडीयू ज्वाइन किया है. दूसरी सीट है सीतामढ़ी. इस सीट पर 2019 के चुनाव में वैश्य जाति से आने वाले सुनील कुमार पिंटू जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस बार एनडीए के अंदर सीतामढ़ी लोकसभा सीट जेडीयू कोटे में है, लेकिन प्रत्याशी बदला जा रहा है. जेडीयू ने वैश्य समाज से आने वाले सुनील कुमार पिंटू की जगह विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर ली है विप सभापति ब्राह्मण जाति से आते हैं. इस तरह से वैश्यों के खाते से शिवहर और सीतामढ़ी दोनों सीट चली गई. यही सभापति ब्राह्मण जाति से आते हैं. इस तरह से वैश्यों के खाते से शिवहर और सीतामढ़ी दोनों सीट चली गई. यही वजह है कि वैश्य समाज के नेता और वोटर दोनों ही खासकर भाजपा से आते है।.........रीता सिंह
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