बिहार में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी रिश्वत लेने का नाम नहीं ले रहे हैं। सितामढ़ी में ड्रग इंस्पेक्टर को रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, ड्रग इंस्पेक्टर के पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दवा व्यवसायी से झूस जा रहा था। जिसकी शिकायत उन्होंने विभाग की निगरानी में की। जिसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर को टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया। बताया जाता है कि जिले के एक दवा दुकान के भौतिक सत्यापन के नाम पर ड्रग इंस्पेक्टर नव कुमार ने रिश्वत की मांग की थी। ड्रग इंस्पेक्टर ने मोटी रकम के तौर पर 2 लाख रुपए मांगे थे।
मामले को लेकर दवा दुकानदारों ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग से की. जिसके बाद विजिलेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई की और मामले में ड्रग एस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया। विजिलेंस की टीम ने बताया मिलने के बाद योजनाबद्ध तरीके से दवा की दुकान विनोद सिंह से जहां 75 हजार रुपए की मांग की गई थी। वहीं दूसरी दवा दुकानदार कुमार से भौतिक सत्यापन के नाम पर दो लाख रुपये की मांग की जा रही थी। मुकेश कुमार द्वारा सितारमढ़ी स्थित आवास पर दो लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे रंगे ड्रग इंस्पेक्टर को विजिलेंस विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया। वहीं ड्रग इंस्पेक्टर के निशानदेही पर स्थित ड्रग इंस्पेक्टर के आवास पर काउंटिंग करने को लेकर विजिलेंस टीम अपने साथ काउंटिंग करने के लिए पुणे रवाना हो गए है ।
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