जयनगर अनुमंडल कर्नाटक से पैदल यात्रा करते हुए बिहार के जयनगर पहुंचे कृष्णन, योग और पर्यावरण संरक्षण के लिए कर रहे भारत नेपाल की पदयात्रा।
देश को निरोग रखने के लिए योग जरूरी है, इसके साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होना चाहिए. कुछ इसी तरह का संदेश लेकर कर्नाटक के कृष्णन पूरे भारत की पदयात्रा पर निकले हुये हैं। आज जयनगर शहर में इनके आगमन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जयनगर इकाई के छात्रों ने नगर मंत्री विवेक कुमार पूर्वे की अगुवाई में गर्मजोशी से मिथिलांचल की धरती पर स्वागत व अभिनंदन किया।
इस मौके पर छात्र युवा भाजयुमो नेता धर्मेन्द्र उर्फ बौआ झा ने कहा कि देश में योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कर्नाटक के मैसूर से पदयात्रा पर निकला एक युवक जयनगर पहुंचा। 28 राज्यों में युवाओं को योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का पैदल यात्री कृष्णण जैसे युवक ने जो संकल्प लिया है. वे स्कूल और कॉलेज के छात्रों से मिलकर उन्हें जो जागरूक भी कर रहे हैं। सरल योग आसनों से दिन की शुरुआत, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक लंबी यात्रा का सफर कर चुके कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले 30 वर्षीय कृष्णन पदयात्रा करते हुए जयनगर शहर मे पहुंचे। पीठ पर बैग लिए और तिरंगा झंडा लगाकर पदयात्रा करने वाले कृष्णन देशभर में युवाओं के बीच योग और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का संकल्प लेकर जो निकले हैं वे काबिले तारीफ करने योग्य है।
मैं अपने पेज के माध्यम से बताना चाहूंगा कृष्णन पेशे से योग शिक्षक हैं. कृष्णन सिर्फ दिन में ही पदयात्रा करते हैं और रात में किसी धार्मिक स्थल या धर्मशाला में आराम करते हैं। वे मोबाइल में जीपीएस सिस्टम के साथ पद यात्रा कर रहे हैं. मैसूर के एक योग शिक्षण संस्थान द्वारा उसकी पद यात्रा मॉनिटर भी की जा रही है। अपनी पदयात्रा के संदर्भ में कृष्ण ने बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले उनके बैकबोन में दर्द की भी शिकायत हुई। डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात कही। उन्होंने ऑपरेशन में बहुत अधिक खर्च होने की बात भी कही। कृष्णन ने बताया कि बचपन में ही उनके मां-पिता और उनकी बहन का निधन हो गया था। कृष्णण अपनी दादी के पास पले बढ़े और बीएससी की पढ़ाई किये।
आज यात्रा के दरम्यान विधार्थी परिषद् द्धारा सम्मानित होने के दरम्यान कृष्णन ने बताया कि जयनगर के युवाओं में अतिथि देवो भव: की भावना दिखा जो बहुत ही अच्छा लगा। कृष्णण ने बताया इलाज के लिए पैसे नहीं थे उनके पास , जिस लिए उन्होंने एक योगा संस्थान से संपर्क कर योग का प्रशिक्षण लिया, धीरे-धीरे उसके बैकबोन में दर्द खत्म हो गया। जिसके बाद उसने संकल्प लिया कि योग के जरिए इंसान पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है। योग के साथ-साथ पर्यावरण को भी अगर बचाया जाए तो शुद्ध पर्यावरण में इंसान स्वस्थ रहेगा और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पदयात्रा पर निकल पड़े । पैदल यात्रा में निकले इस साहसी युवक को जवागल श्रीनाथ ने रवाना किया था। कृष्णन ने आज बताया कि मैसूर में 16 अक्टूबर 2022 के दिन पूर्व क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ ने तिरंगा लहराकर उसे पदयात्रा के लिए रवाना किया और शुभकामनाएं भी दिये थे। अब तक वह 8 राज्यों का सफर तय कर चुके हैं, सभी राज्य में स्कूली बच्चे और कॉलेज के छात्रों से मिलकर वह उन्हें पर्यावरण बचाने के लिए जागरूक कर रहा है और पौधारोपण भी करवा रहे हैं। साथ ही वह युवाओं को योगा के प्रति ज्यादा जागरूक कर रहे है। जिससे युवा स्वस्थ रहेंगे तो एक स्वस्थ भारतवर्ष का निर्माण होगा।
अपने सफर के संदर्भ में कृष्णन ने बताया कि रास्ते में पैसे की जरूरत पड़ने से ऑनलाइन वह पैसे मंगवाते हैं और शाकाहारी खाना खाकर अपने सफर को पूरा कर रहे है। जयनगर में संत जेवियर्स स्कूल के बच्चों को योगा के प्रति जागरूक कर योगा अभ्यास वर्ग संचालित करेंगे और सोमवार को जयनगर से सिल्लीगुड़ी की तरफ यात्रा हेतू आगे निकलेंगे। आज जयनगर के सुरेका अतिथि भवन के सभागार में कर्णाटक से निकले पैदल यात्री कृष्णण के अगवानी में छात्र नेता रवि सिंह, आदित्य पोद्दार, पुष्कर राय, हेमंत पूर्वे,अनुज कपड़ी,जय सुरेका , अंकित कुमार,नथूनी राम, सहित दर्जनों परिषद् के छात्र नेता मौजूद थे।
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